राष्ट्रीय बचत पत्र योजना National Saving Certificate( NSC )

राष्ट्रीय बचत पत्र National Saving Certificate (NSC)





एनएससी (NSC) यानी राष्ट्रीय बचत पत्र (National Saving Certificate) भारत सरकारी की बचत स्कीम है। इसे किसी भी पोस्ट ऑफिस से खरीदा जा सकता है। NSC में आप निश्चिंत होकर पैसे लगा सकते हैं क्योंकि ये bank fixed deposit से भी ज्यादा सुरक्षित हैं। इतना ही नहीं इसमें पैसा लगाकर आप tax भी बचा सकते हैं। NSC सबके लिए है फिर चाहे आप salaried हों, businessmen हों या किसान, ये सबके लिए ये available हैं और useful हैं। इनको कैसे खरीदा जा सकता है ? 

कैसे ये आपका tax बचाने में मददगार साबित हो सकते हैं? अन्य मौजूदा Tax Saving Options के मुकाबले ये कैसे better साबित हो सकते हैं ? इन सारे सवालों का जवाब आइए जानते हैं-
राष्ट्रीय बचत पत्र योजना National Saving Certificate( NSC )

एनएससी में पैसा लगाने के फायदे | Benefits Of NSC

शहरों से लेकर गांवों तक फैले डाक घर राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) को सबके लिए आसानी से पहुंच योग्य बनाते हैं। ज्यादातर डाकघरों में Core Banking Service शुरू हो जाने के कारण इनको कहीं पर भी खरीदने और कहीं पर भी भुनाने की सुविधा भी हो गई है।
न्यूनतम 500 रुपये में भी उपलब्ध| Minimum Rs 500 Investment
राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) से जुड़ी एक अच्छी बात यह भी है कि आप सिर्फ पांच सौ रुपए भी invest कर सकते हैं। आप अपनी capacity के मुताबिक इनका adjustment करके 500 रुपये के गुणक में या इसके ऊपर किसी भी limit तक की धनराशि का एनएससी खरीद सकते हैं। हां यह जरूर ध्यान रखें कि tax से छूट सिर्फ Rs 1.5 lacs तक की धनराशि वाले एनएससी तक ही मिलेगी।

आकर्षक ब्याज दर Attractive Interest rate

फिलहाल सिर्फ 5-year एनएससी (NSC) ही चालू है। जिसमें आपको government 7.8% का ब्याज देती है। Inerest हर छह महीने बाद आपकी जमा धनराशि में जुड़कर आगे compound Interest के हिसाब से बढ़ता जाता है। 10 years NSC की सुविधा december 2015 से बंद की जा चुकी हैं। हालांकि, जिन लोगों ने इसके पहले दस वर्षीय NSC खरीदे थे, उन्हें उसका benefit मिलता रहेगा।
सरकार ने financial year 2016-17 से राष्ट्रीय बचत पत्र पर interest का निर्धारण हर quarter में करना शुरू किया है। इसलिए एनएससी खरीदने से पहले आप confirm कर लें कि इस पर कितना ब्याज मिल रहा है। खरीदते समय जो Interest rate होगा, वही maturity अवधि पूरी होेने तक रहेगा। यानी, अगले पांच साल तक आपके एनएससी के ब्याज दर में कोई Change नहीं होगा। फिलहाल अगर आज आप 5 सौ रुपए की एनएससी (NSC) लेते हैं तो पांच साल बाद ₹ 727.89 मिलेंगे।

राष्ट्रीय बचत पत्र योजना टैक्स छूट Tax Benefits

एनएससी के रूप में Invest की गई धनराशि पर सरकार section 80C के तहत tax से छूट देती है। लेकिन यह छूट एक financial year के दौरान Maximum 1.5 लाख रुपए तक के एनएससी (NSC) पर ही मिल सकती है। हालांकि 1.5 लाख रुपए तक के NSC पर मिलने वाला ब्याज Tax Free नहीं होता है। NSC के ब्याज को आपको हर साल के income tax return में दिखाना होता है।

एनएससी कैसे खरीदें | How To Purchase NSC

जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं कि NSC किसी भी Post office या Head Post Office से खरीदे जा सकते हैं।अगर आपने एनएससी यानी राष्ट्रीय बचत पत्र खरीदने का मन बना लिया है तो कुछ चीजें पहले से ध्यान रखें तो सहूलियत रहेगी। जरूरी दस्तावेज व भुगतान: Required Documents and Payment
एनएससी खरीदने के पहले अपनी identity और address से जुड़े documents, PAN Card और Adhar Card दो दस्तावेजों के original और photocopy एवं अपने 3 पासपोर्ट साइज फ़ोटो लेते जाएं।
एनएससी cash राशि देकर भी खरीदे जा सकते हैं और cheque या demand draft देकर भी। जैसी आपकी सहूलियत हो, व्यवस्था करके जाएं। चेक या डिमांड ड्राफ्ट उस डाकघर के Post Master के नाम बनेगा, जहां से आप NSC खरीद रहे हैं। अगर आपका पोस्ट ऑफिस मे account है तो उससे भी एनएससी के मूल्य के बराबर धनराशि transfer करके NSC खरीद सकते हैं।

राष्ट्रीय बचत पत्र National Saving Certifica NSC तीन तरह की ले सकते हैं : Three Types of NSC

डाकघर आपको तीन तरीके से एनएससी (NSC) खरीदने की सुविधा उपलब्ध कराता है।
1.Single holder Type NSC : इस प्रकार के NSC खरीदने पर certificate किसी एक व्यक्ति के नाम (Adult Or Minor या ) होता है। अल्पवयस्क या बच्चे के नाम होने पर guardian का नाम दर्ज होना भी जरूरी है।
2.Joint A type NSC : इस प्रकार के NSC खरीदने पर Certificate किन्हीं दो वयस्क व्यक्तियों के नाम बनता है। दोनों पति-पत्नी, पिता-पुत्र, मां-बेटी, दो मित्र या साझीदार कुछ भी हो सकते हैं। Maturity पर मिलने वाली धनराशि भी दोनों को बराबर-बराबर मिलेगी।
3. Joint B type NSC: इस प्रकार के NSC भी किन्हीं दो adult व्यक्तियों के नाम होते हैं। अंतर सिर्फ यह होता है कि maturity के बाद मिलने वाली राशि किसी एक व्यक्ति के नाम मिलती है। यह किसे मिलनी चाहिए, इसका उल्लेख NSC खरीदते समय करना जरूरी होता है।
कंपनी या एनआरआई के लिए नहीं: Companies and NRI’s are Not Eligible
कोई Society या कंपनी, एनएससी (NSC) नहीं खरीद सकती। NRI यानी प्रवासी भारतीय को एनएससी खरीदने की सुविधा नहीं है। लेकिन, अगर आप NSC खरीदते समय यहां के Citizen थे तो आपके NRI होने के बाद भी पहले खरीदे गए एनएससी अपनी Maturity तक काम करते रहेंगे।
राष्ट्रीय बचत पत्र में nominee चुनने की भी सुविधा होती है, ताकि आपके साथ कोई अनहोनी होने पर आपके चुने व्यक्ति को आपके NSC की धनराशि मिल सके। इसका भी decision पहले ही करके जाएं।
ट्रान्सफर और डुप्लीकेट सर्टिफिकेट| Transfer and Dublicate certificate
आप अपने एनएससी (NSC) देश के किसी भी Post Office से खरीदें, उन्हें किसी भी अन्य डाक घर में Transfer करा सकते हैं, और Mature होने पर वहां से भुना भी सकते हैं। ऐसी स्थिति में, एनएससी भुगतान लेते समय एनएससी ट्रांसफर का certificate जरूर साथ में रखें।
एनएससी खो जाने या क्षतिग्रस्त होने पर आप अपनी पहचान प्रमाणित कराकर डुप्लीकेट एनएससी भी बनवा सकते हैं।
एनएससी को भुनाने के लिए आपको निम्नलिखित process पूरी करनी होती है-
एनएससी का original certificate साथ में लेते जाएं। आपकी पहचान को prove करने वाला ओरिजनल दस्तावेज भी साथ रखें।
NSC भुनाने वाला फॉर्म 7A जो post office से मिलेगा, उसे भरना होगा। अब यह फॉर्म indian post की वेबसाइट www.indiapost.gov.in पर भी उपलब्ध है, इसे download करके भी जमा कर सकते हैं।
अगर NSC भुनाने वाला व्यक्ति, खरीदते समय अल्पवयस्क रहा हो, तो adult होने पर भुनाने के लिए उसके हस्ताक्षर के अलावा guardian के भी हस्ताक्षर होने जरूरी हैं। अभिभावक के न रहने पर उसकी Identity प्रमाणित करने के लिए ऐसे व्यक्ति के signature होने चाहिए, जिसे post master जानता हो।
NSC holder के निधन की स्थिति में उसके nominee को दो प्रकार के form भरकर जमा करने होते हैं ।
Annexure 1: यह फॉर्म एनएससी (NSC) भुनाने के लिए होता है,जहां आपका नाम nominee के रूप में दर्ज होता है।

Annexure 2: यह फॉर्म nominee के उत्तराधिकार को प्रमाणित करने के लिए होता है।
मेच्योरिटी के पहले/आकस्मिक भुगतान की प्रक्रिया Emergency Encashment of NSC
राष्ट्रीय बचत पत्र को Maturity से पहले भी भुनाया जा सकता है। यह facility सिर्फ दो स्थितियों में मिलेगी।
condition-1: एनएससी की अवधि three years पूरी हो चुकी हो। ( नोट अब यह condition शायद बदल चुकी है।)
condition-2: एनएससी धारक की death हो जाने पर nominee को कभी भी इसके भुगतान की।

लोन सुविधा भी उपलब्ध | loan facility available

Emergency पड़ने पर एनएससी को security के रूप में रखकर आप bank व वित्तीय संस्थान से loan भी ले सकते हैं। हां, लोन की मात्रा और उस पर लगने वाले interest का निर्धारण उस संस्था के ऊपर निर्भर करेगा, जो आपको लोन दे रही है। तीन साल पुराने NSC पर कुछ बैंक तो face value का 85 से 100 फीसदी तक loan उपलब्ध कराते हैे। इससे कम period का होने पर लोन की मात्रा कम मिल पाती है।

फिलहाल पोस्ट ऑफिस इस प्रकार की कोई सुविधा नही देती है।

मेच्योरिटी के बाद | After Maturity of NSC

अगर Maturity पूरी होने पर आप एनएससी (NSC) को नहीं भुनाते हैं तो यह अपने आप अगली अवधि के लिए Renew नहीं होता। maturity बाद की अवधि में इस पर सिर्फ general saving account की तरह ब्याज मिलेगा। वह भी सिर्फ अगले दो वर्ष तक।
अगर आप इसे Reinvest करना चाहे तो कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आवेदन देना होगा, और नए investment पर interest rate भी पहले वाली न होकर, नई ब्याज दर होगी।

NSC vs PPF: A short Camparison

पीपीएपफ ( Public Provident Fund) और एनएससी (National Saving Certificate ) दोनों को बेहतर Tax Saving Investment माना जाता है। दोनों ही भारत सरकार की saving scheme है। दोनों में जमा पैसे की गारंटी सरकारी लेती है। दोनों में ब्याज भी समान या लगभग समान होता है। इसके बावजूद एनएससी किस प्रकार आपके लिए better साबित होते हैं , आइए जानते हैं।

निवेश सीमा में अंतर| Difference in Investment limit

NSC में आप न्यूनतम 500 रुपए से अधिकतम किसी भी सीमा तक Investment कर सकते हैं। PPF में एक financial year के दौरान कम से कम 500 और अधिकतम 1.5 लाख रुपए ही invest किए जा सकते हैं।
एनएससी और पीपीएफ दोनों में ही tax free investment की सीमा 1.5 लाख रुपए ही है। पीपीएफ में तो maximum निवेश की सीमा ही 1.5 लाख रुपए है, इसलिए इसमें tax का सवाल ही नहीं उठता। एनएससी में जरूर 1.5 लाख से ज्यादा investment करने पर, अतिरिक्त निवेश पर मिलने वाली आय पर tax लगेगा।
निवेश अवधि में अंतर | Difference in Investment Period
NSC अब अधिकतम 5 years के लिए ही खरीदे जा सकते हैं, जबकि PPF में 15 साल तक पैसा जमा किया जाता है। दरअसल एनएससी एक प्रकार के product होते हैं, जो कभी भी कितने भी खरीदे जा सकते हैं। PPF एक प्रकार का account होता है, जिसमें आपके नाम पैसा जमा होता है। सामान्यतया इसमें आप हर महीने पैसा deposit करते हैं। इसमें साल भर में 12 बार से अधिक और कुल मिलाकर Rs 1.5 lacs से अधिक नहीं जमा कर सकते।

National Saving Certifica से निवेश रिटर्न में अंतर | Defference in Return

दोनों schemes में इस समय समान ब्याज दर 7.8 फीसदी मिलती है, लेकिन एनएससी (NSC) में ब्याज हर छह महीने बाद जुड़ने से यह ज्यादा beneficial है। PPF में निवेश की गई राशि पर Interest साल में सिर्फ एक बार (मार्च के अंत में) जोड़ा है। इस प्रकार पांच साल बाद जहां NSC में 10 बार ब्याज जुड़ने का मौका मिलता है, वहीं PPF में सिर्फ 5 बार। इस तथ्य को और सरल रूप में हम इस Example से समझ सकते हैं।
मान लिया आपने 1 जनवरी 2017 को 10000 रुपए का एनएससी (NSC) खरीदा। पांच वर्ष पूरे होने पर यह 7.8 फीसदी ब्याज दर के आधार पर 4693 रुपए ब्याज के रूप में लौटाएगा। यही 10000 अगर आप PPF में 1 जनवरी 2017 को deposit करते हैं तो पांच साल बाद इसमें मिलने वाला interest 4626 रुपए होगा। यहां NSC आपको सीधे सीधे 67 रुपए ज्यादा दे रहा है।


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पोस्ट ऑफिस एफ़डी
राष्ट्रीय बचत पत्र योजना National Saving Certificate( NSC ) राष्ट्रीय बचत पत्र योजना National Saving Certificate( NSC ) Reviewed by ADMIN on Thursday, December 07, 2017 Rating: 5

1 comment:

  1. Pravasi Bharatiya Bima Yojana (PBBY) In Hindi के इस लेख मे आपको Pravasi Bharatiya Bima Yojana Details, PBBY Login, PBBY Insurance Policy, PBBY Policy Cost, ECR Countries के बारे मे जानकारी दी गई है। PBBY PDF 2018 के इस लेख मे आपको सारी जानकारी के साथ Pradhan Mantri Schemes की जानकारी भी उपलब्ध की जाएगी। Pravasi Bharatiya Bima Yojana

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