PPF अकाउंट के बारे में जानें हर बात ताकि नुकसान में न रहें आप
PPF पर हर वित्त वर्ष में इसमें डेढ़ लाख रुपये तक के निवेश पर यह डिडक्शन मिलता है। पीपीएफ में जमा रकम पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स नहीं चुकाना होता है। साथ ही, मैच्योरिटी पर मिलने वाले रिटर्न पर भी टैक्स नहीं देना होता है।मैच्योरिटी
अपना कॉमेंट लिखेंPPF अकाउंट्स में 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है। मैच्योरिटी पर इन्वेस्टर के पास इनमें से कोई भी कदम उठाने का विकल्प होता है।- पूरी रकम निकालकर अकाउंट क्लोज करना।
- आगे भी पांच-पांच वर्षों के ब्लॉक में अकाउंट चालू रखना।
- अकाउंट बंद कर देना।
क्या है PPF अकाउंट बंद करने का प्रॉसेस?
अगर आप अकाउंट बंद करना चाहें तो आपको उस बैंक ब्रांच या पोस्ट ऑफिस में जाना होगा, जहां पीपीएफ अकाउंट खोला गया था। रकम निकालने और अकाउंट बंद करने के लिए लिखित आवेदन देना होता है। इसके साथ ऑरिजिनल पासबुक भी देनी होती है। मैच्योरिटी पर हासिल हो रही रकम किस बैंक खाते में जाएगी, उसकी जानकारी भी देनी होती है। अड्रेस और आइडेंटिटी प्रूफ एक कैंसल्ड चेक के साथ देने जरूरी होते हैं। बैंक या डाकघर यह चेक करेगा कि लॉक-इन पीरियड पूरा हो चुका है या नहीं। अगर पूरा हो चुका है तो अकाउंट बंद कर दिया जाएगा और जमा रकम बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।5-5 साल के ब्लॉक में खाता चालू रखना
इस मामले में आपको एक तय फॉर्म में बैंक या डाकघर को अपनी चाहत अकाउंट मैच्योर होने के सालभर के भीतर बतानी होगी। आप जमा हुई रकम के साथ खाता चालू रख सकते हैं, लेकिन उसमें कोई नया अंशदान नहीं कर सकते। या आप डिपॉजिट करते रह सकते हैं और ऐसे डिपॉजिट पर टैक्स डिडक्शन क्लेम करते रह सकते हैं। पांच साल का ब्लॉक पूरा होने पर अकाउंट फिर इतने ही समय के लिए जारी रखा जा सकता है। बंद होने तक उस खाते में ब्याज जमा होता रहेगा।ध्यान रखें
कर्ज चुकाने के लिए PPF अकाउंट को अटैच नहीं किया जा सकता है। कोर्ट भी पीपीएफ अकाउंट के पैसे से कर्ज चुकाने को नहीं कह सकता है। अकाउंट के पहले 15 वर्षों में सातवें साल से कुछ शर्तों के साथ आंशिक निकासी की इजाजत होती है।
PPF अकाउंट के बारे में जानें हर बात ताकि नुकसान में न रहें आप
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Monday, December 23, 2019
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